बिना दांत के रिटायर्ड मेन्ट की उम्र के करीब नेता जी की सुरक्षा में खड़ा जवान ? लोग पुलिस को लाख गालियां देते ,रिश्वत खोर कहते ओर भी बहौत कुछ लेकिन श्रीमान जी एक कहावत है एक गंदी मछली पूरा तालाब गंदा कर देती है यही हाल इस विभाग का है । पाप और रिश्वत की कमाई से कोई भी अपना परिवार चलना पसंद नही करता पर मुट्ठी भर तन्खा से इस महंगाई में घर भी नही चलता । में ऐसे हाज़रो पुलिस वालों को जनता हूँ जिनका मन भी ऐसे काम को गवारा नही करता लेकिन गंदी मछली को दाना भी देना है तो मजबूरी में सब करना पड़ता है । नही तो लाईन भेज दिये जाओगे या लूप लाईन में पड़े रहो ऐसे हाज़रो पुलिस वाले है जो ईमानदारी के चकते इधर उधर पड़े हुए है । क्योकि इनके पास ट्रान्सफ़र औऱ पोस्टिंग के लिए देने पैसे नही है और नही कोई राजनीतिक एप्रोज नाही इनका कोई रिश्ते दार विधायक या नेता है और नाही कोई प्रदेश का दमंग पत्रकार इनका मित्र ? ये पुलिस का जवान उम्र के उस पड़ाव में भी बंदूक कंधे पर टांगे नेताओ को सुरक्षा देता है जब उसके मुंह मे दांत भी नही होते ? इतना ही नही अगर किसी केस में वो जांच अधिकारी रहा है तो उसकी मौत तक उसे रिटायर्ड होने के बाद भी कोर्ट में उपस्तिथि दर्ज करानी होती है ? लेक़िन ये जवान फिर भी अपनी देश भक्ति और जनसेवा का कर्तव्य निभाता है चाहें दाँत से रोटी चबे या न चबे सबसे बड़ी बात ये है कि ऐसे पुलिस जवान आपको सिर्फ विपक्ष के नेताओ की सुरक्षा में मिलेंगे जिनकी उम्र डण्डा भी पकड़ने की नही है अब ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि सरकार इन जवानों से क्या चाहती है । जिन के अनुभव युवा पीढ़ी के जवान साझा करना चाहतें है उन्हें सुरक्षा में लगा रखा है । अब ऐसे में आप सरकार से उम्मीद भी क्या कर सकते है । बस वही पुराना स्लोगन दोहराओ जय जवान जय किसान ?
Comment Now