डिस्पोजेबल मास्क, दस्ताने और अन्य प्रकार के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण लोगों की कोरोना वायरस से रक्षा तो कर रहे हैं लेकिन दुनिया भर में प्रदूषण भी फैला रहे हैं. इस्तेमाल के बाद लोग सिंगल-यूज मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर की बोतलें सड़कों पर ही फेंक रहे हैं, जो कि लैंडफिल स्थलों, सीवेज सिस्टम और सागर में जा पहुंच रहे हैं. उत्तरी कैलिफोर्निया में पर्यावरण समूह इस मुद्दे पर नजर रख रहा है और इसके बारे में कुछ करने की कोशिश कर रहा है. सैन फ्रांसिस्को के दक्षिण में स्थित सिटी ऑफ पैसिफिका में हाल ही में पैसिफिक बीच समूह ने शहर के आसपास और समुद्र तटों पर पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) में एक नाटकीय वृद्धि देखी. यह समूह पिछले 25 सालों से हर महीने तट की सफाई का काम करता आ रहा है. वॉलंटियर्स साल 2020 तक रिकॉर्ड करते रहे कि वे तट से क्या उठा रहे हैं जिसका अंत महासागर में हो सकता है. कूड़ों में ज्यादातर सिगरेट के टुकड़े और खाने के पैकेट होते थे. समूह के अध्यक्ष लिन एडम्स सवाल करते हैं, ''हम क्या करेंगे? हमें मास्क, दस्ताने और हाथ साफ करने वाले वाइप्स और सैनिटाइजर वाइप्स मिल रहे हैं. वे हर जगह फैले हुए हैं. मेरे पड़ोस में और मेरी गलियों में.'' समूह और अन्य लोग इस मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो समुद्र तट पर मास्क और दस्ताने मिल रहे हैं वह केवल एक हिस्सा हो सकता है जबकि एक बड़ा हिस्सा समुद्र में जा सकता है. एडम्स कहते हैं बड़े स्तनधारियों पीपीई और प्लास्टिक के अंश को निगल सकते हैं और इससे समुद्र की खाद्य श्रृंखला बाधित हो सकती है. पिछले साल ओशियंस-एशिया कंजर्वेशन समूह की रिपोर्ट में कहा गया था कि सिर्फ साल 2020 में वैश्विक आधार पर 1.6 अरब मास्क महासागरों में पहुंच जाएंगे. ओशियंस-एशिया के मुताबिक मास्क को नष्ट होने में 450 साल लग जाएंगे. पैसिफिका तट की सफाई में योगदान करने वाली सोफिया वोहल कहती हैं, ''हम खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, लेकिन हम बाकी पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना चाहते हैं, और उन्हें (मास्क को) जमीन पर छोड़ कर हम अभी ऐसा नहीं कर रहे हैं.''
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