Thursday ,5th December 2024

म्यांमार संकट: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक

अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय जगत के नेताओं ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की तीखी आलोचना की है. लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद क्या कार्रवाई करती है. अमेरिका ने म्यांमार के सैन्य जनरलों पर दोबारा प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. वहीं म्यांमार में सेना द्वारा तख्तापलट के 24 घंटे बाद भी मंगलवार को देश की नेता आंग सान सू ची के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. सोमवार को सेना ने सू ची, राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को हिरासत में लेने के बाद एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया था. इस बीच मंगलवार को यूएनएससी ने इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाई गई है. यूएनएससी की बैठक सैन्य तख्तापलट के बाद पैदा हुए हालात और संभावित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए होगी. सोमवार को सेना ने नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची समेत कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था और देश के प्रमुख शहरों में सेना को तैनात किया गया है. सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने वाली ब्रिटेन की संयुक्त राष्ट्र दूत बारबरा वुडवार्ड ने पत्रकारों से कहा कि वे इस मुद्दे पर "रचनात्मक चर्चा करने की उम्मीद करती है." वुडवार्ड ने कहा, "परिषद उपायों पर ध्यान देगी, देश के नेताओं की रिहाई के विचार पर चर्चा करेगी." साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय कोई विशेष उपायों पर चर्चा नहीं की जा रही है. इस बीच म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून के वाणिज्यिक केंद्र में बैंक मंगलवार को दोबारा खुल गए. तख्तापलट के बाद खराब इंटरनेट कनेक्शन के कारण एक दिन पहले वित्तीय सेवा ठप पड़ गई थी. म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद देश की स्थिति पर सोमवार को राष्ट्रपति भवन में एक बैठक भी की है. अमेरिका की प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को म्यांमार के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की धमकी दी, वे भी तख्तापलट की आलोचना करने वाले वैश्विक नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हैं. बाइडेन ने सेना की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा, "यह कदम देश में लोकतंत्र और कानून पर सीधा हमला है." बाइडेन ने कहा, "हम म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तातंरण को पलटने के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाने के साथ वहां लोकतंत्र और कानून के शासन की बहाली के लिए समूचे क्षेत्र और विश्व में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे." म्यांमार में बिना खून बहे तख्तापलट म्यांमार की सेना ने रक्तहीन तख्तापलट में देश की सत्ता को अपने कब्जे में कर लिया और सू ची, राष्ट्रपति और कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. इसी के साथ सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर दिया. सेना के जनरलों का कहना है कि पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी. सू ची की पार्टी ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. म्यांमार के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि नेताओं को चुनावी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य ने चुनाव के परिणामों का सम्मान करने के लिए सेना से कहा है. साथ ही वैश्विक नेताओं ने सू ची की गिरफ्तारी पर गंभीर चिंता जताई है.

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