छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गश्त लगा रहे सीआरपीएफ के जवानों पर माओवादियों ने हमला किया. चश्मदीद के मुताबिक 300 से ज्यादा माओवादियों ने भारी नुकसान पहुंचाया. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा के पास सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन पेट्रोलिंग कर रही थी. तभी 12.25 मिनट के आस पास उन पर हमला हुआ. हमले में घायल होने वाले सीआरपीएफ के जवान शेर मोहम्मद के मुताबिक, "नक्सलियों ने पहले हमारी लोकेशन की टोह लेने के लिए गांव के लोगों भेजा, फिर करीब 300 नक्सलियों ने हम पर हमला कर दिया. हमने भी उन पर फायरिंग की और कइयों को मारा." घायल जवान के मुताबिक नक्सलियों के पास एके-47 असॉल्ट रायफल थी. अचानक घात लगाकर किये गए हमले में कम से कम 26 जवानों की मौत हो गयी. चार गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सुकमा के एसीपी जितेंद्र शुक्ला ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, "चिंतागुफा के पास बुर्कापाल में सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन की रोड ओपनिंग पार्टी गश्त पर थी, उसी दौरान हमला हुआ. जवानों को निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा पर तैनात किया गया था. माओवादियों ने घात लगातार सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया और अंधाधुंध फायरिंग की."
सर्च स्टोरी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक गश्त लगा रही पार्टी में 90 जवान शामिल थे. हमले के बाद नक्सली जवानों की बंदूकें, गोलियां और वायरलैस सेट भी लूटकर ले गये.
हमले के बाद पास के कैंप से सीआरपीएफ के जवानों की एक और टोली को मौके पर भेजा गया. शुक्ला के मुताबिक घायलों को इलाज के लिये हैलिकॉप्टर से रायपुर भेजा गया है.
हमले के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह रायपुर वापस लौट गये हैं. नई दिल्ली से रायपुर लौटते ही मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठक बुलायी. सुकमा में पिछले महीने भी माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हो गये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, "हमें अपने सीआरपीएफ के जवानों की बहादुरी पर गर्व है. शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा."
भारत में माओवादियों का सशस्त्र संघर्ष 1967 से चल रहा है. छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, झारखंड और महाराष्ट्र में वे खासे सक्रिय रहते हैं.
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