Tuesday ,7th January 2025

भोपाल कलेक्टर पर भारी अवैध कालोनाइजर

महीने भर से एफआईआर के आदेश का पालन नहीं कर रहे एसडीएम, तहसीलदार 

भोपाल: विजय डोंगरे ✍ 

मामला भोपाल जिले की हुजूर तहसील से संबंधित है यहां स्थित ग्राम पंचायत  सेवनिया ओमकारा में ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच गजराज सिंह अहिरवार ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपनी निजी भूमि बिना  किसी शासकीय अनुमति एवं भूमि विकास अधिनियमों का खुल्ला उल्लंघन कर बिना शासन को एक पैसा राजस्व चुकाए अवैध कॉलोनी विकसित कर बेच डाली और लाखों रूपए डकार लिए। यहां तक की खेती की जमीन का भू-उपयोग तक परिवर्तन कराना भी जरूरी नहीं समझा। इससे शासन को लाखों रूपए के राजस्व की हानी तो हुई ही है साथ ही साथ खरीददारों को सड़क बिजली पानी सीवेज ड्रेनेज जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलने वाली !
ऐसा नहीं है कि राज्स्व अधिकारीयों पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार को मामले की जानकारी नहीं है। इनके पास रजिस्ट्री उपरांत नामांतरण हेतु फाइल क्रेता आवेदन तहसील कार्यालय में करता है। उधर राज्स्व अमला अपना अपना काम जिम्मेदारी पूर्वक कर नामांतरण प्रकरण दर्ज कर अपना हिस्सा लेकर आंखें बंद कर बैठ गए। ऐसे में कारवाई भला कौन करेगा ?
लगभग 1 वर्ष पहले दिनांक 26 दिसंबर 2023 को इस मामले की शिकायत हुजूर एसडीएम को की गई थी। जिसमें बाकायदा अनुविभागीय अधिकारी महोदय को अवैध कॉलोनी से संबंधित समस्त दस्तावेज भूमि के खसरा नंबर, की गई रजिस्ट्री की कापी, नामांतरण आदेश की प्रति,कालोनी का लेआउट सहित विभिन्न दस्तावेज अवैध कॉलोनी के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए थे । उक्त शिकायत पर कार्यवाही होते-होते लगभग 1 वर्ष बीतने के पश्चात न्यायालय कलेक्टर भोपाल द्वारा शिकायत सही पाए जाने पर दोषी अवैध कॉलोनाइजर के विरुद्ध नियमानुसार प्रकरण पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे। साथ ही साथ मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत अधिनियमों अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित करने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल को आदेशित किया गया था। लेकिन यहां भी नतीजा सिफर ही रहा।
हालात यह है कि लगभग एक माह बीतने पर भी हुजूर तहसील के अधीनस्थ अधिकारियों एसडीएम एवं तहसीलदार द्वारा कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं किया गया । ऐसे में गंभीर प्रश्न उठता है कि अवैध कॉलोनाइजर कलेक्टर भोपाल पर भारी पड़ रहे हैं। वहीं पटवारी और आरआइ अपना रोजाना का कामकाज सेवनिया ओंकारा स्थित इसी सरपंच के निजी कार्यालय में बैठकर करते हैं। इससे इनके आपसी सामंजस्य और मित्रता को आसानी से समझा जा सकता है। उपर से सरपंच साहब का अपना राजनैतिक दमखम अलग ! ऐसे में इनके खिलाफ कारवाई करने में अफसर कलेक्टर महोदय के आदेश को भी दरकिनार लगाए हुए हैं।

हांलांकि मामला राजस्व हानि से कहीं अधिक है। वर्तमान सरपंच चुनाव में सभी प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन अधिकारी को अपनी संपत्ति की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से देना होता है। यहां ऐसी कोई जानकारी सरपंच महोदय द्वारा उपलब्ध कराई है अथवा नहीं यह जांच का विषय है। और जानकारी गलत देने पर निर्वाचन आयोग के कानून अनुसार वैधानिक कार्यवाही संभव है। वहीं आयकर विभाग एवं जीएसटी कार्यालय भी इस मामले में जल्द एक्शन कर सकते हैं।

पूरा प्रकरण इस प्रकार  है।
सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत क्रमांक 29749169 है| आवेदक की शिकायत के सम्बन्ध में न्यायालय अपर तहसीलदार हुजुर वृत्त २ के प्रकरण क्रमांक 02/बी-121-24-25 अवैध कालोनी सतही ग्राम सेवनीय ओमकारा स्थित भूमि खसरा क्रमांक 201/1/1रकबा 0.860 हे भूमि स्वामी के विरुद्ध मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत ( कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बाधन तथा शर्ते नियम 1999 के तहत कार्यवाही हेतु माननीय कलेक्टर महोदय के न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 430/बी-121/24-25से अनावेदक पक्ष मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत अधिनियम राज एवं स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ)के उपबंधो का उल्लघन किया जाना सिद्ध होने के कारण अनावेदक पक्ष के विरुद्ध धारा 61 घ के उपबंध जे अनुरूप आपरधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत कालोनी विकास नियम 2014के नियम 21 के उपनियम 3 दो तीन के अनुरूप कार्यवाही करने के लिए मुख्य कर्यलापालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल को भेजी गई है ।
आज दिनांक तक कलेक्टर साहब के आदेश बेअसर ही साबित हो रहे। ऐसे में सवाल खड़े होना वाजिब है

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