Wednesday ,2nd April 2025

जा तू जा 2024!

जा 2024 तू जा। बहुत हुआ, अब तो निकल ले। हम पर मेहरबानी कर। हमारी जान बख्श और 2025 को आने दे। 2025 कैसा होगा, इसकी फिक्र तू छोड़, तू तो बस विदाई ले। तू तो बस जा।

ओ चुनाव में पब्लिक को बड़ी-बड़ी उम्मीदें दिखाने वाले साल ; ओ मोदी जी को भी 400 पार के सपने दिखाने वाले साल ; ओ भगवाइयों को 400 सौ पार से संंविधान बदलने के हौसले बंधाने वाले साल ; ओ आखिर में नतीजों से सब को हैरान करने वाले साल, तू जा। ओ मोदी जी से खुद ही खुद को सीधे ईश्वर का भेजा, नॉन बायलॉजिकल ईश्वरीय दूत घोषित कराने वाले और विरोधियों पर मंगलसूत्र से लेकर भेंसें तक, छीनकर ले जाने और मुसलमानों में बंटवा देने के इल्जाम लगवा देने वाले साल, तू चलता बन। ओ मोदी जी से पहले वाली आत्मनिर्भरता छीनकर, दांए कंधे के नीचे नायडू की और बांए कंधे के नीचे नीतीश की बैसाखी पकड़ा देने वाले साल ; ओ भूले हुए एनडीए की मोदी जी को फिर से याद दिलाने देने वाले और एनडीए की दूसरी पार्टियों के शीर्ष नेताओं के लिए फिर से भोज-वोज शुरू कराने वाले साल, तू अब निकल ले।

ओ बेरोजगारी के रोने तेज से तेज कराने वाले साल, तू जा। ओ महंगाई के नये-नये रिकार्ड बनाने वाले साल तू जा। ओ किसानों की आत्महत्याओं के कंपटीशन में, मजदूरों-खेत मजदूरों की आत्महत्याओं को भी ला खड़ा करने वाले साल, तू अब तो जा। औरतों पर अत्याचारों के नये-नये रिकार्ड बनवाने वाले साल, तू अब जा। दलितों को घोड़ी चढ़ने से लेकर बारात में बैंड बजवाने तक से रोके जाने की परंपरा कायम रखे जाने के साल, तू जा। औरतों और दलितों की बगल में, दूसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में मुसलमानों की हैसियत पुख्ता कराने वाले साल, तू जा। लिंचिंग के एक के बाद एक तमाशे दिखाने वाले साल, तू जा। एन्काउंटर के एक से बढ़कर एक कारनामे दिखाने वाले साल, तू जा। कमजोरों के घरों, दूकानों, दिलों, सब पर बुलडोजर चलवाए जाने वाले साल, तू अब जा। योगी का बुलडोजर बाबा का खिताब पक्का कराने वाले साल, अब तू जा। अयोध्या में दीवाली पर 30 लाख से ज्यादा दिए एक साथ जलवाने और दियों का बचा हुआ तेल गरीबों के बच्चों से घर पर खाने में इस्तेमाल के लिए इकठ्ठा कराने का डबल विश्व रिकार्ड एक बार फिर से बनवाने वाले साल, तू तो जा।

ओ जाते-जाते जाकिर हुसैन, श्याम बेनेगल जैसी बड़ी हस्तियों को हमसे चुरा ले जाने वाले साल, तू जा। ओ मनमोहन सिंह की विदाई से मोदी जी के लिए नया संकट खड़ा कर देने वाले साल, तू बस जा। संकट ये है कि जो बेचारे मोदी जी अपना सारा ध्यान अब तक नेहरू जी को कंपटीशन में पछाड़ने पर ही लगाए हुए थे, अब उनका एक और कंपटीटर मर कर पैदा हो गया है -- मनमोहन सिंह। बेचारे, अब नेहरू को हराएं या मनमोहन सिंह को। मनमोहन सिंह को हराना वैसे तो आसान लगता है, वह सिर्फ दो बार प्रधानमंत्री चुने गए थे, जबकि मोदी जी की तीसरी पारी चल रही है। पर मनमोहन सिंह की शिष्टता, विनम्रता, मृदुता, जनतांत्रिकता, धर्मनिरपेक्षता वगैरह-वगैरह को कैसे हराएं? मोदी जी को मनमोहन सिंह से जीत कर भी हरवा देने वाले साल, तू अब जा।

ओ गोदी मीडिया के साथ-साथ देश को गोदी पूूंजीवाद के युग में पहुंचाने वाले साल, तू जा। ओ अडानी पर बार-बार संकट के बादल ले आने और मोदी जी से उसकी हिफाजत कराने वाले साल, तू जा। इसकी फिक्र मत कर कि आगे-आगे अडानी का क्या होगा? जब तक मोदी जी कायम हैं, कुछ भी नहीं होगा ; न 2025 में, न 2026 में आदि, आदि। अडानी की चिंता छोड़, तू तो बस अब जा। बाकी सब जस का तस रहा, तब भी कम से कम कलैंडर तो नया होगा। सो जा 2024 और 2025 को आने दे। 

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