Wednesday ,2nd April 2025

सदा अटल

 

सदा अटल
     
अब कोई कुछ भी कहे‚ अपने भगवा भाई कमिटमेंट के एकदम पक्के होते हैं। एक बार कमिटमेंट कर दिया‚ फिर अपने आप की भी नहीं सुनते हैं। पटना में अटल जी के शताब्दी वर्ष वाले सदा अटल में यही तो हुआ। अटल होने का कमिटमेंट कर के आए थे‚ सो भाई लोग आखिर तक अटल रहे। रघुपति राघव राजाराम गाए जाने से भड़क गए‚ तो फिर भड़के ही रहे। भोजपुरी लोक गायिका देवी ने लाख समझाया, पर नहीं टले। राम के नाम का वास्ता दिया‚ पर नहीं टले। 

'ईश्वर‚ अल्लाह तेरा ही नाम' जुबान पर लाने के लिए माफी तक मांगी‚ पर हंगामे पर अटल रहे। जय श्रीराम के जैकारों तक से नहीं टले। बापू का प्रिय भजन छेड़ने वाली और ईश्वर–अल्लाह का नाम एक साथ लेने वाली गायिका को‚ मंच से उतरवा कर ही माने। 

ऐसी अटलता कोई पटना के ही भगवाइयों की बपौती नहीं है। मोदी राज में भगवाई हर जगह यूं ही अटल हैं। अब खुद मोदी जी ने ईसाई बिशपों के साथ क्रिसमस मनाया कि नहींॽ मोदी जी ने इस मौके पर शांति और प्रेम और भाईचारे का सुंदर सा उपदेश सुनाया कि नहीं‚ वह भी मुई अंगरेजी में। पर मजाल है, जो इससे भगवाइयों की अटलता में जरा सी भी कमी आई हो। उन्होंने तो यही माना कि उपदेश दूसरों के लिए था। केरल में भाइयों ने एक स्कूल में जाकर क्रिसमस की तैयारियों का यज्ञ–ध्वंस कर दिया। इसकी भी परवाह नहीं कि वहां मोदी जी का डबल इंजन राज नहीं है। हवालात की हवा खानी पड़ गई‚ पर प्रेम के त्योहार में‚ नफरत घोलने पर अटल रहे। और जब सिंगल इंजनिया केरल वाले प्रण से नहीं टले‚ तो गुजरात वाले‚ राजस्थान वाले‚ मध्य प्रदेश वाले कैसे टल जाते‚ वहां तो डबल इंजनिया सरकारें हैं। और यूपी‚ वहां तो डबल इंजनिया के ऊपर से योगी चढ़ा का मामला है। लखनऊ में भाई लोग एक चर्च के बाहर जा जमा हुए और जय श्रीराम के जैकारों और हरे रामा हरे कृष्णा के नारों से‚ यीशु का जन्म दिन मना डाला! 
पर इसमें प्राब्लम क्या हैॽ 

भगवाई आखिरकार‚ नाच–गाकर बर्थ डे मनाने पर ही तो अटल हैं। राम नवमी पर मस्जिद के सामने नाच–गाने पर और क्रिसमस पर गिरजे पर नाचने–गाने पर। बस उन्हें कोई गुस्सा न दिलाए। वरना भागवत जी तो क्या खुद श्रीराम की भी नहीं सुनेंगे! वही तो – सदा अटल! 

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