भोजशाला पर हिंदू मुस्लिम दावों के बीच जैन समाज दावे की याचिका के बाद वरिष्ठ जैन समाज जनों ने याचिका का किया विरोध , बताया निजी , बोले भोज उत्सव समिति के साथ मिल कर लड़ाई जारी
अमन चौहान
धार -धार की भोजशाला में जारी सर्वे कार्यों के बीच विगत दिनों एक नई बहस का दौर शुरू हो गया जहां पर हिंदू ओर मुस्लिम पक्ष के भोजशाला में चल रहे अधिकारों के विवाद के बीच हाई कोर्ट में विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद्र जैन द्वारा दायर की याचिका का जिक्र आया , जिसमे सलेक चन्द्र जेन ने भोजशाला में कालांतर में जैन गुरुकुल होने के साथ ही जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी के अलावा जैन गुरुकुल के प्रमाण ASI द्वारा की गई खुदाई में प्राप्त होने का दावा किया , इसके बाद से नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया वही आज मंगलवार को भोजशाला मुक्ति को लेकर निरंतर चल रहे सत्याग्रह के तहत बड़ी संख्या में श्रद्धालु जिम सकल जैन समाज के वरिष्ठ जन समाज अध्यक्ष भी भोजशाला में पहुंचे और माँ वाग्देवी के दर्शन पूजन के साथ ही हनुमान चालीसा पाठ कर सत्याग्रह किया , इसके बाद जैन समाज के वरिष्ठ नागरिक समाजसेवी एवं भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक जैन ने जैन समाज की याचिका मामले कहा कि जैन समाज किसी व्यक्ति का नहीं और जो याचिका लगाई उसका धार से कोई लेना-देना नहीं है , धार का समग्र जैन समाज भोज उत्सव समिति और भोजशाला के साथ है , मेरे द्वारा भोज उत्सव समिति अध्यक्ष के नाते हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई में भी जैन हूं पूरा हिंदू समाज जैन समाज मेरे साथ है , साथ ही उन्होंने महाराणा प्रताप के संघर्ष का उदाहरण देते हुए भामाशाह के बलिदान का उदाहरण दिया ओर भोजशाला मुक्ति संघर्ष में केसरीमल सेनापति और विमल गोधा का जिक्र करते कहा की ऊनके सहयोग में पूरा हिंदू समाज खड़ा रहा ,
लड़ाई लड़ते आ रहे , मैं भी जैन होते हुए समाज के नाते पूरे हिंदू समाज के नाते भोजशाला आंदोलन में 2003 में जो संघर्ष हुआ उसमें पूरा धार जिले का हिंदू समाज साथ खड़ा था , इस कारण भोजशाला में कांग्रेस सरकार ने जो ताले लगाए थे वह खुले और आज जो सर्वे चल रहा है हमारी याचीका आधार पर चल रहा है , गोपाल शर्मा महामंत्री है मैं अध्यक्ष हूं वे मेरे प्रतिनिधि के रूप में सर्वे में भाग ले रहे हैं और जो हो रहा है हमारी जानकारी में है , जो समिति कार्य कर रही है समग्र जैन समाज उनके साथ है आज भी जैन समाज के कई वरिष्ठ नागरिक समाज अध्यक्ष यहां आए और भोज उत्सव समिति के साथ होने के अलावा हर प्रक्रिया में साथ खड़े हैं , जो कोर्ट में जैन समाज के नाम से याचिका लगाई उसका विरोध करते हैं और जरूरत पड़ी तो कोर्ट में जवाब भी देंगे , वही भोजशाला मुक्ति यज्ञ समिति संयोजक गोपाल शर्मा ने कहा एक श्लोक का जिक्र करते हुए बताया कि सनातन धर्म के जितने भी पंथ जो अपने विचारों से अलग समाज बने हुए है वे सब सनातन धर्म से निकली शाखा है ,
कोई भी सनातन धर्म से अलग नहीं , इसी भोजशाला में राजा भोज काल मे सभी पंथो का बराबर सम्मान था , सभी पंथो के आचार्य यहां विद्या देते थे , इसी स्थान पर अभय देव जी को राजा भोज की पाठशाला में सूर्यप्रद प्राप्त हुआ था , वे जैन विचारों के यहां आचार्य थे , यहां सभी धर्म का सम्मान था इसीलिए सभी धर्म की प्रतिमाओं की स्थापना हुई थी , जिन्होंने केस लगाया है यह उनका व्यक्तिगत विचार हो सकता है , लेकिन आज धार के सकल हिंदू समाज ने आकर उस विचार का खंडन किया , जिन्होंने केस लगाया , उनका विरोध किया और जो सत्याग्रह चल रहा है उसके समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए हैं , सनातन धर्म भोजशाला की मुक्ति व पुनः स्थापन को लेकर संकल्पित है , सर्वे को लेकर गोपाल शर्मा ने कहा कि जवाब देने की आज अंतिम तारीख है 4 जुलाई को इस मामले में आगे का पता चलेगा
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