भिण्ड। नगर परिषद अकोड़ा में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के निराकरण को लेकर आज कांग्रेस ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज, कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संजय भूता,अकोड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील त्रिपाठी, शिवप्रताप सिंह भादौरिया, कांग्रेस सोशल मीडिया जिला संयोजक दीपू दुबे, पार्षद अकोड़ा राजकुमार शर्मा, आशाराम धाकड़े इत्यादि प्रमुख हैं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि नगर परिषद अकोड़ा में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने पर कार्यालय की कोई जानकारी न देना और न कोई पत्र व्यवहार किया जाता। अव्यवस्थित शहर एवं साफ सफाई पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नगर परिषद द्वारा न किया जाना, संपूर्ण अकोड़ा नगर को बदहाल बनाने जितने भी निर्माण कार्य किए गए, सभी के सभी गुणवत्ताहीन किए गए, अभी तक एक भी कार्य इनके द्वारा गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा उन्हीं कार्यों की निविदा को दोबारा जारी की गई जो काम पूर्व में ही पूर्ण हो चुके है। घटिया गौशाला का निर्माण करवाया जाना, गौशाला का निरीक्षण किसी वरिष्ठ अभियंता से करवाया जाए और गौशाला का संचालन कागजों में है और भुगतान किया जा रहा है। अस्थाई कर्मचारियों को नियम विरुद्ध नगर परिषद में रखा जाना तथा उन अस्थाई कर्मचारियों को रखने के लिए कोई विज्ञप्ति नहीं करना और जिसको जिस पद पर रखा गया है उसके लिए योग्यता न होना, वेतन का भुगतान किया जाना। अस्थाई कर्मचारी जो रखे गए हैं, उनमें बहुत सारे कर्मचारी उपस्थित नहीं होते हैं, परंतु गुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने कर्मचारियों को कार्यालय में बिना किसी नियम के गजबूत शाखाओं में पदस्थ कर दिया है। अकोड़ा नगर परिषद में अनुमान 25 लाख रुपए की ओपन जिम का प्रस्ताव होने के बावजूद ठेकेदार के साथ मिलकर भ्रष्ट नेता और सीएमओ जिंग का निगल जाना और कहीं भी जिम स्थापित नहीं करवाई जाती है। आवास योजना में अपने हितैषी को लाभ देना और प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची गोपनीय रूप से अपने पास रखे रहना और उसको नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना तथा इसके अतिरिक्त गरीबों को लाभ न देना। नगर परिषद में गाडिय़ों के मेंटीनेंस और उनके डीजल और पेट्रोल का आय-व्यय काब्यौरा न देना, जिससे प्रमाणित होता है कि फर्जी भुगतान किया जा रहा है। अपने सगे-संबंधियों को अकोड़ा में ठेकेदारी करने के लिए आमंत्रित करना और उन्हें नगर परिषद की निधि से अधिक राशि का भुगतान कर लाभ पहुंचाकर अपने निजी रिश्तों को मजबूत बनाना। स्टोर की जानकारी संधारित न रखना और नगर परिषद की सफाई पर बराबर फर्जी भुगतान करना। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों और निर्देशों की अव्हेलना करना। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर नगर परिषद अकोड़ा से हटाया जाए। विद्युत इलेक्ट्रीफिकेशन के नाम अनावश्यक खर्च विशेष लोगों को फायदा दिलाने के लिए स्ट्रीट लाइट का लोड अधिक से अधिक 10 किलोवाट जबकि डीपी 100+25 किलोवाट संक्शन इसकी सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाए। उक्त भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारियों को नगर परिषद अकोड़ा से अन्यत्र ट्रांसफर कर जांच कराई जाकर दोषी पाए जाने पर दण्डित किया जाए।
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