Thursday ,21st November 2024

आईआईटी दिल्ली ने बनाया 20 पैसे प्रति किलोमीटर चलने वाला ई-स्कूटर

आईआईटी-दिल्ली के इंक्युबेटेड स्टार्टप गेलियोस मोबिलिटी ने लगभग 20 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से चलने वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर 'होप' विकसित किया है. ई-स्कूटर होप डिलिवरी और आने-जाने के लिए किफायती स्कूटर है. यह स्कूटर 25 किमी घंटे की रफ्तार से चलेगा. साथ ही ई-वाहन को मिलने वाली छूट की श्रेणी में भी यह आता है. इसको चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या पंजीकरण की जरूरत भी नहीं है. होप के साथ पोर्टेबल चार्जर और पोर्टेबल लिथियम आयन बैटरी आती है, जिसे घर में इस्तेमाल होने वाले सामान्य प्लग से चार्ज कर सकते हैं. सामान्य बिजली से यह बैटरी 4 घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाती है. अपनी आवागमन की जरूरतों के हिसाब से आदर्श स्थिति में ग्राहकों के पास दो अलग-अलग रेंज 50 किलोमीटर और 75 किलोमीटर की बैटरी क्षमता को चुनने का विकल्प है. आईआईटी-दिल्ली के मुताबिक, यह स्कूटर बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, डाटा मॉनिटरिंग सिस्टम और पेडल असिस्ट यूनिट जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस है. इसमें आईओटी है जो डाटा एनालिटिक्स के माध्यम से ग्राहकों को हमेशा अपने स्कूटर की जानकारी देता है. इन खूबियों के कारण ही होप भविष्य के स्मार्ट और कनेक्टेड स्कूटर की श्रेणी में आता है. गेलियोस मोबिलिटी उन चुनिंदा कंपनियों में से है, जिसके स्कूटर में पेडल असिस्ट सिस्टम जैसा खास फीचर दिया गया है. यात्रा के दौरान ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार पेडल या थ्रॉटल का विकल्प चुन सकते हैं. सुविधाजनक पार्किंग के लिए होप विशेष रिवर्स मोड तकनीकी से युक्त है, जिसकी सहायता से कठिन जगहों पर भी स्कूटर पार्क किया जा सकता है. अत्याधुनिक उपयोग के लिए होप में एक मजबूत और कम वजन का फ्रेम बनाया गया है. स्कूटर की संरचना और इसकी लीन डिजाइन, इसे भारी यातायात में से आसानी से निकलने की क्षमता देता है. कंपनी द्वारा अधिकतम उपयोग किए जाने वाले मार्गों पर स्कूटर के चार्जिग और मेंटेनेंस के लिए हब स्थापित किए जाएंगे. आपात स्थिति में, आकस्मिक सेवाएं जैसे रास्ते पर सहायता और बैटरी को बदलने की सुविधा कंपनी की ओर से दी जाएगी. गेलियोस मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ आदित्य तिवारी के मुताबिक, "हम प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और पूरी इंडस्ट्री में खासकर ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में सतत प्रयास की जरूरत है. हमने 3 साल पहले गेलियोस मोबिलिटी की शुरुआत आने-जाने के लिए इकोसिस्टम बनाने के दृष्टिकोण से किया था, इस प्रयास में होप हमारा प्रमुख कदम है." भारत में पहले से ही कई बड़ी कंपनियां ई-स्कूटर के बाजार में मौजूद हैं. सरकार ने भी ई-वाहन को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई है.

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