भोपाल। कांग्रेस के नेताओं में व्याप्त गलाकाट राजनीतिक प्रतिद्वंदिता किसी से छिपी नहीं है। हर नेता इसी उधेड़बुन में लगा रहता है कि वह दूसरों से आगे कैसे निकले? ऐसे में दिग्विजयसिंह जैसे नेता को स्वाभाविक रूप से यह स्वीकार नहीं होगा कि कमलनाथ उनसे आगे निकल जाएं। यह सही है कि प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखकर कमलनाथ ने दिग्विजयसिंह से कुछ बढ़त ले ली है, लेकिन इसके लिए राष्ट्रपति जैसे गरिमामय पद का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने दिग्विजयसिंह द्वारा राष्ट्रपति को पत्र लिखे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
उमेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश का हर व्यक्ति यह जानता है कि दिग्विजयसिंह हर कीमत पर प्रदेश कांग्रेस में अपनी पकड़ और बढ़त बनाए रखना चाहते हैं और इसके लिए वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था, तभी से दिग्विजयसिंह इस बात को लेकर चिंतित थे कि कहीं कमलनाथ को इससे कांग्रेस की राजनीति कुछ बढ़त न मिल जाए। इसीलिए उन्होंने एक ऐसे विषय पर राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिख दिया, जिस पर बात करने का कांग्रेस और उसके नेताओं को नैतिक अधिकार ही नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि भारतीय राजनीति की शुचिता और लोकतंत्र की गरिमा को कांग्रेस ने कितना कलंकित किया है, यह बात देश का बच्चा-बच्चा जानता है। शर्मा ने कहा कि दिग्विजयसिंह अगर कमलनाथ से आगे निकलना चाहते हैं, तो इसके लिए सकारात्मक प्रयास करें, लेकिन अपने क्षुद्र राजनीति स्वार्थ के लिए संवैधानिक पदों की गरिमा को चोट न पहुंचाएं।
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