भारत देश में आज़ादी से पूर्व लिए गये दृढ़संकल्प से पथभ्र्ष्ट होने का दुष्यपरिणाम प्रत्येक समाज और देश झेलने पर है मजबूर --
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कट्टर पूँजी बाद की रक्षा के लिए मोदी ने उज्जवल भविष्य और सुरक्षा के सपने दिखाकर हासिल की है सत्ता -
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जिस व्यक्ति ,संगठन और राजनैतिक दल का जैसा सोच ,चरित्र होगा उसी के अनुसार होगा उसका आचरण - क्रन्तिकारी
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आज़ादी से पूर्व विदेशी अंग्रेज़ों का गुलाम कौन था और कौन चाहता था अंग्रेज़ों की सत्ता से आज़ादी इस पर अतिगमंभीर आत्ममन्थन की आज अतिअनिवर्य जरूरत है .जब हम इस पर आत्म मन्थन करते है तो नतीजा आईने की भाँति साफ हो जाता है कि अंग्रेज़ों ने भारत के राजाओं ,महाराजाओं ,नबाबों और जमींदारों को मात्र 3% की आबादी बाले ब्राह्मणों के सहयोग और षणयन्त्र के तहत गुलाम बनाया था .और स्वाधीनता संग्राम भरतीय सामन्तों और बिदेशी सामन्तों का युद्ध था .देश का 90% मेहनतकश ( कमेरा बर्ग ) तो ग़ुलामों का गुलाम था जिसे ब्राह्मणों ने अपने निजि स्वार्थ की खातिर उसे उसके उज्जबल भविष्य के रंगीन सपने दिखाकर इस जंग में मोहरा बनाकर स्तेमाल किया था .ब्राह्मण स्वाधीनता संग्राम के महान महानायकों के दिखाबे के लिए साथ था परन्तु आन्तरिक रूप से अंग्रेज़ों को क्रान्तिकारियों की पीठ पर छुरा भोकने की नियत के तहत अंग्रेजों की चरणचाट गुलामी भी कर रहा था .गद्दारी ब्राह्मणों की नस ,नस और इसके खून में है .इसकी चेतना ,चरित्र और आचरण भी गद्दारी युक्त है .और सुबिधाभोगी होने के कारण हमेशा छल ,प्रपंच और षङयंत्र के बल पर हमेशा दूसरे के कन्धे पर बन्दूक रखकर सत्ता के शीर्ष में रहता है .आरएसएस ब्राह्मणों का छली , प्रपंची और षणयन्त्रकारी सामाजिक संगठन है .जिसका मुख्य उद्येश्य समाज में प्रत्येक स्तर की बिषमता का जहर घोलकर सत्ता पर दूसरे को मोहरा बनाकर कब्ज़ा करना है .इसी शृंखला में गोदरा काण्ड के मुख्य आरोपी मोदी को एक सुनिश्चित षङयंत्र के तहत प्रशिक्षित करके अन्यपिछडा बर्ग का मसीहा के रूप में प्रचारित करके केंद्र की सत्ता पर बैठकर देश की एकता ,अखण्डता, सम्प्रभुता, शिक्षा ,सुरक्षा ,समृद्धि ,चिकित्सा और सम्मान को तार,तार करके भारत में राम राज्य की आड़ में नरभक्षी युग को स्थापित करना था . बो 2014 के लोकसभा चुनाबी महासंग्राम में लोकलुहाबने नारों, क्रन्तिकारी लफ्फबाजी , लच्छेदार तर्को पर आधारित भाषण कला से देश की 90% मेहनतकश जनता को कुछ समय के लिए भर्मित करके स्पष्ट बहुमत से केंद्र की सत्ता पर कब्ज़ा बीजेपी का नहीं बल्कि कटटर ब्राह्मणबादी आरएसएस का पूँजीशाहों के साथ गुप्त समझौते के तहत है .उक्त विचार जागरूक समाज दल के संस्थापक & राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रन्तिकारी गौरव सिंह कुशवाहा ने " सर्च स्टोरी मीडिया " से दूरभाष पर हुई वार्ता के दौरान व्यक्त किये .
जसद के संस्थापक क्रन्तिकारी ने सर्च स्टोरी के सबालों के जबाब में कहा है है कि हमारे द्वारा किसी भी व्यक्ति ,संगठन ,राजनैतिक दल और सरकारों की आलोचना करने का मकसद खुद को बिख्यात करना नहीं बल्कि सत्य को सामने लाना है .आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा और घातक आतंकबादी संगठन है जो धर्म को हथियार बनाकर इंसानों को इंसानों के ही दुवारा लुटबा ,कुटबा ,मरबा कर उनकी एकता को तार,तार करके अपने स्वार्थ को सिद्ध करता है .मोदी सरकार की चेतना ,चरित्र और आचरण इसका मजबूत प्रमाण है . आरएसएस अपने प्रशिक्षण शिबिर में समाज ,देश द्रोहियों को प्रशिक्षित करके राष्ट्र की राजनीति को पथभ्र्ष्ट करने हेतु कटटर ब्राह्मणबादी बीजेपी यानि "भ्र्ष्टाचारी जनतांत्रिक पार्टी " के नेतत्व में देश के पूँजीशाहों से साथ देश की धन ,धरती ,सम्पदा की खुली लूट में पूर्णें ईमानदारी के साथ बराबर ही भागेदारी सुनिश्चित करके सत्ता पर कब्ज़ा करती है . लूट का बिरोध रोकने के लिए तथाकथित क्षत्रिय समाज को कुछ हिस्सा देने का प्रलोभन देकर पूँजीशाह और ब्राह्मण लूट का हिस्सा समान मात्रा में बाँट लेते है . आज क्षत्रिय समाज भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है और ब्राह्मण और ब्राह्मणबाद - पूँजीबाद को मुँहू तोड़ जबाब देने का अवसर तलाश रहा है ..
जसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रन्तिकारी ने कहा है कि आज प्रत्येक इंसान ,समाज और देश का 90% कमेरा बर्ग का इंसान स्वाधीनता संग्राम के दौरान यानी आज़ादी से पूर्व लिए गये दृढ़संकल्प से पथभ्र्ष्ट होने का ही दुष्यपरिणाम झेल रहा है .और तब तक झेलता रहेगा जब तक जागरूक समाज दल के झण्डे के नीचे आ कर समतामूलक क्रान्ति नामक सामाजिक ,शैक्षणिक और आर्थिक आज़ादी की असली और आखरी जंग के द्वारा भारत में गणतांत्रिक गणसाम्राज्य और व्यबस्था की लोकतंत्र के चारों स्तम्भों की व्यबस्था में " व्यबस्था परिवर्तन " के माध्यम से समतामूलक व्यबस्था स्थापित नहीं करेगा
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