Monday ,11th November 2024

भोपाल की लाड़ली दिल्ली में छुड़ा रही बड़े बड़ो के छक्के

भोपाल की लाड़ली दिल्ली में छुड़ा रही बड़े बड़ो के छक्के

 

नेशनल लॉ -डे विशेष

 

लेख – संजना एस प्रियानी 

 

नेशनल लॉ -डे  1947 में सविंधान सभा द्वारा सविंधान ड्राफ्ट तैयार करने की सालगिरह के तौर पर मनाया जाता है आज के परिपेक्ष्य में कानून का पालना करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. और इसी कड़ी में  कानून दिवस विशेष पर कुछ लिखने मन हुआ तभी भोपाल की लाड़ली और तेज़ तर्राट और युवा व मध्य प्रदेश की राजधानी की " तन्वी दुबे "  की याद आयी उनसे इस विषय पर चर्चा के कुछ अंश आप के समक्ष लाये है वैसे तो " तन्वी दुबे " इस वक्त दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में बड़ो बड़ो के छक्के छुड़ा रही है देश के कई नामी वकीलों के साथ काम कर चुकी तन्वी बताती है की उन्होंने कानून की पढाई के लिए  2015में बरकतुल्ला लॉ डिपार्टमेंट से ग्रेजुशन किया ग्रेजुशन के तुरंत बाद ही उन्हें  देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ इसी दौरान उन्होंने बहुत बारीकी से लॉ  को समझा और पहचाना भी "तन्वी दुबे "बताती है की मेने सिविल , क्रिमिनल ,कॉन्ट्रेक्ट, प्रॉपर्टी, साइबर क्राइम, आ.ई.पार से रिलेटेड केसेस हेंडले किये है।

             वकालात जितना की पुरषो के लिए सर्वश्रेठ ऑप्शन है,वैसे ही आज कल की महिलाएँ भी वकालात को करियर ऑप्शन के रूपमे चुनने में पीछे नहीं हैं। मेने कई बार अपने स्टूडेंट अथवा जूनियर्स को यही सलाह दी है की डर और भय के आगे का मार्ग अपनाने में ही सफलता से मिलाप संभव है महिला वकील बनने में कई समस्याएं आ सकती है।, अगर आप स्वयं ही दोषी को रिप्रजेंट कर रहे है तो कही ना कही आपका मन सहमा सा रहता है !परन्तु अगर आप दृण  संकल्प और परिश्रम करके आगे बडोगे तो सफलता ही हाथ आती है !

          " तन्वी दुबे " बताती है की लॉ  एक ऐसा फिल्ड है जो हर दिन हर पल आप के अंदर एक नई जिज्ञासा जगा देता है !लॉ  की किताबे पढ़ते -पढ़ते उनसे एक अनोखा सा रिश्ता बन जाता है !आज के युग में आगे बढ़ने के लिए लॉ  की समझ होना अति महत्वपूर्ण है बिना क़ानूनी ज्ञान के आपको कभी भी कोई भीं धोका दे सकते है आप जान भी नहीं सकते है

  " तन्वी दुबे " बताती है की आज के युवाओ के लिए ,लॉ  एक सर्वश्रेठ करियर ऑप्शन है लॉ कोर्स के दौरान जो चीज़ सबसे  महत्वपूर्ण रोल प्ले करती है तो वो है "इंटेनशिप" मैने अपने लॉ कोर्स के दौरान निमन्लिखित  इंटेनशिप की है इंटेनशिप विथ द चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, इंटेनशिप विथ सीनियर लॉयर "राम जेठमलानी"  इंटेनशिप विथ सोलिसिटर जेनिरल ऑफ इंडिया इंटेनशिप इन अमरचंद मंगलदास लॉ फर्म के साथ मुझे काम करने का मौका मिला

              " तन्वी दुबे " बताती है की हर शिष्य को कम से कम छह माह पहले से ही इंटेनशिप के लिए अप्लाय  करना आवश्यक है उससे अति आवश्यक है उसे फॉलो करना

इस फिल्ड में प्रवेश करके  निमन्लिखित  करियर ऑप्शन उपलब्ध होते है

! 1 . कारपोरेट काउन्सिल 2 . आर्बिटेरशन  3 . जुडिशनरी 4 . अकेडमिक्स

" तन्वी दुबे " बताती  है की लॉ की समझ और उसकी पकड़ सिर्फ और सिर्फ  कई परिश्रम  से ही हाथ लगती है ! हर लॉ  करने वाले शिष्य  को मेरी यही सलाह हे की वो तन मन धन से एकग्र चिंतन से लॉ के सब्जेक्ट्स को समझे  हर युवा वकील को शुरू से ही अपनी काबिलियत पर यकीन होना चाहिए अथवा उसको हर दिन कुछ कर दिखने की ठान लेना चाहिए अपनी हर बात को रखना आना चाहिए अपनी बात को मनवाना आना चाहिए।

अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगी की वकालत का पेशा नाम के साथ साथ शौहरत भी देता है लेकिन सच्चाई  का साथ देते हुए निर्धन और गरीबो केहक़ की लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटना चाहिए चाहे फिर आप किसी भी मुकाम पर क्यों न हो 

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