Sunday ,19th May 2024

शिवराज सरकार पर हावी अफसर शाही आत्महत्या करने पर मजबूर म.प्र पुलिस के ट्रेड आरक्षक

भाजपा के वरिष्ठ नेता नड्डा जी का मध्यप्रदेश आगमन अभी कुछ ही दिन पूर्व हुआ था जिसमे उन्होंने कहा था कि सरकार पर अफसरशाही ज्यादा हावी है । अब ऐसे में इसका परिणाम  कही भाजपा को निगम चुनाव औऱ पंचायत चुनाव में न भुगतान पड़े वर्ना विधानसभा चुनाव में जो परिणाम आयगे वो सब खतरनाक होंगे । ऐसा इस लिए बोल राह हूं क्योकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार आज भी अधिकारियों के घरो मे चाकरी कर अधिकारीयो और उनकी मेम साहबो से परेशान म. प्र. के ट्रेड आरक्षक अपनी गुहार और आवेदन निवेदन म. प्र. के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा व म. प्र. के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  से भी आवेदन निवेदन कर चुके है  लेकिन नतीजा वही सरकार पर हावी अधिकारी सब कुछ कागजो मे ही सिमटाकर बैठे है । 
 
म. प्र. पुलिस के ट्रेड आरक्षको की (जिओपी 57/93) संविलियन प्रक्रिया । म. प्र. के अधिकारियों के आगे नही चलती म. प्र. के मुख्यमंत्री व गृह मंत्री की जो आज तक जिओपी क्र 57/93 को चालू करने मे नाकाम है । हमारे म. प्र. मे केवल IPS अफसरशाही चलती है जिसके चलते म. प्र. पुलिस के ट्रेड आरक्षक अब आत्महत्या तक करने को मजबूर हो रहे है म. प्र. पुलिस के 4075 ट्रेड आरक्षको  के जिन्दगी व उनके परिवार का सवाल है जबकि जिओपी 57/93 चालू करने से सरकार को लाभ ही है । कि आरक्षक जीडी औऱ आरक्षक ट्रेड का वेतन समान हैं ।
 
इससे यही साबित होता है की म. प्र. मे अब सरकार की नही केवल अफसरशाही चल रही है । जो अफसर केवल अपने फ़ायदे के लिये किसी का भी जीवन व भविष्य को अंधकार मे डाल सकते है । वैसे एक बात और आज अपने घर की ज़िम्मेदारी कम और अफसरों एवं उनकी मेम सहाब की गुलामी में ही इस का वक्त गुज़र जाता है और इनके परिवार का भविष्य अंधकार में है ये ऑफर शाही छोटे कर्मचारियों को अंग्रजी कानून की तरह गुलाम बनना चाहती है क्योकि पुलिस विभाग का।निर्माण शायद गुलाम बनना ही रहा है जो गरीब और छोटे लोगो पर अत्यचार के लिए उपयोग किया जाता रहा है ?

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