Sunday ,19th May 2024

यूपी में 19 महिलाओं को बस चलाने के लिए मिलेगा प्रशिक्षण

महिलाएं स्कूटर भी चलाती हैं और कार भी लेकिन अगर वे सार्वजनिक परिवहन को संभालें, तो आज भी लोगों को हैरत होती है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं को बसें चलाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. पहली बार कई महिलाओं को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों को चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. यूपीएसआरटीसी मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल एसपी सिंह ने कहा, "यूपी में पहली बार महिला बस ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है." उन्होंने कहा, "जिन 19 महिलाओं को योग्य पाया गया है, वे सात महीने के बेसिक प्रशिक्षण से गुजरेंगी, जिसके बाद वे एडवांस ट्रेनिंग मॉड्यूल के हिस्से के रूप में डिपो में 17 महीने की प्रोबेशन पर होंगी." कौशल भारत मिशन के तहत 18 से 34 वर्ष की उम्र की महिलाएं, जिन्होंने कक्षा 8 तक पढ़ाई की है, कम से कम 160 सेंटीमीटर (लगभग 5 फुट 3 इंच) लंबी हैं और जिनके पास हल्के मोटर वाहनों के लिए लर्नर परमिट है, उन्हें भर्ती किया जा सकता है. बेसिक ट्रेनिंग नि:शुल्क है. प्रोबेशन के दौरान भोजन और आवास उन्हें राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा. दो साल के कार्यक्रम के अंत में उन्हें एक भारी मोटर वाहन चलाने का लाइसेंस मिलेगा. पहले बैच का प्रशिक्षण मार्च में शुरू होगा. एक बार भर्ती होने के बाद, महिलाएं पिंक एक्सप्रेस बसों में चालक होंगी. इन वातानुकूलित बसों में सुरक्षा के लिए व्हिकल ट्रैकिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे हैं. सिंह ने कहा, "यूपीएसआरटीसी के पास 50 ऐसी पिंक बसें हैं जो अब तक पुरुषों द्वारा संचालित हैं. शुरू में नई प्रशिक्षित महिलाओं को इन बसों को संभालने के लिए कहा जाएगा. वे आखिरकार बसों को उसी तरह से चलाएंगी जैसा निर्धारित है. यह सुरक्षित रूप से और महिला द्वारा संचालित होगा." जब यूपी में महिलाओं के लिए पिंक एक्सप्रेस बस सेवा शुरू की गई थी, तब राज्य में एक अजीब समस्या थी. यह सेवा महिलाओं के लिए एक सुरक्षित यात्रा विकल्प प्रदान करने के लिए थी, जिसमें केवल महिला कर्मचारी थीं. लेकिन जब उन्हें कंडक्टर और सहायक कर्मचारी मिल गए, तो कोई सर्टिफाइड महिला बस चालक नहीं थी.

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