Sunday ,19th May 2024

ऑस्ट्रेलिया में जब फेसबुक से गायब हुईं खबरें

फेसबुक ने ऑस्ट्रेलिया में सभी समाचार वेबसाइटों पर खबरें पोस्ट करने पर बैन कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने खबरों के सोशल मीडिया मंच पर दिखाने के बदले भुगतान को लेकर मसौदा तैयार किया है. बुधवार को फेसबुक ने अपने प्लेटफार्म पर न्यूज साझा करने पर बैन लगा दिया. इसकी चपेट में मौसम विभाग, आपातकालीन विभाग, विपक्षी नेता और स्वास्थ्य विभाग के पेज भी आ गए. गुरुवार की सुबह से ही ऑस्ट्रेलियाई समाचार लेखों की लिंक पोस्ट करने या दुनिया में कहीं से भी समाचार कंपनियों के फेसबुक खातों को लोग देख नहीं पाए. दरअसल फेसबुक ने यह कदम सरकार के उस मसौदे के बदले उठाया है जिसमें समाचारों के प्रकाशन के बदले में गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों को मीडिया कंपनियों को पैसे देने होंगे. आस्ट्रेलिया में ऑनलाइन विज्ञापन में 81 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले गूगल और फेसबुक ने इस प्रस्तावित कानून की निंदा की है. देश भर में दमकल, स्वास्थ्य और मौसम संबंधी सेवाओं को कई गंभीर सार्वजनिक आपात स्थितियों के दौरान अपने फेसबुक पेजों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा. लोगों ने कंपनी से इस मुद्दे को जल्द सुलझा लेने का आग्रह किया है. फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी पेज "आज की घोषणा से प्रभावित नहीं होने चाहिए" और कंपनी "अनजाने में प्रभावित होने वाले किसी भी पेज को बहाल कर देगी." ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण मंत्री सुसैन ले ने फेसबुक पर समाचार सामग्री के अचानक बंद होने की पुष्टि की है. उन्होंने लोगों से सरकारी विभाग की वेबसाइट पर जाने का आग्रह किया है. कम से कम तीन ऑस्ट्रेलियाई राज्य फेसबुक के माध्यम से कोरोना वायरस पर अपडेट पोस्ट कर रहे थे, जो प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं. राजधानी कैनबरा में कई सरकारी पेज भी प्रभावित हुए हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ऑस्ट्रेलिया के निदेशक एलेन पियर्सन ने बैन को "चिंताजनक और खतरनाक" कदम बताया है. फेसबुक के कदम के तहत चैरिटी, जातीय समुदाय से जुड़े पेज और यहां तक कि फेसबुक ने अपने भी पेज को भी ब्लॉक कर दिया. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लिए फेसबुक के मैनेजर विलियम इस्टन ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा कंपनी "ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय समाचार सामग्री को साझा करने या देखने पर ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशकों और लोगों को प्रतिबंधित कर देगी. क्योंकि प्रस्तावित कानून मौलिक रूप से हमारे मंच और इसका इस्तेमाल करने वाले प्रकाशकों के बीच संबंधों को गलत समझता है." विवाद का कारण ऑस्ट्रेलिया के न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड के तहत फेसबुक और गूगल को समाचार सामग्री के लिए मीडिया आउटलेट्स को भुगतान के लिए सौदा तय करना होगा नहीं तो कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. यह नियम पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया की संसद में पेश हुआ था. सरकार संसद का मौजूदा सत्र 25 फरवरी को समाप्त होने से पहले न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड को लागू करने की उम्मीद कर रही है. दूसरी ओर गूगल ने हाल के दिनों में कई मीडिया कंपनियों के साथ पहले ही करार कर लिया. हालांकि गूगल और फेसबुक एक साल से इस मसौदे के खिलाफ अभियान चला रहे थे और दोनों ने ही अपनी सेवा ऑस्ट्रेलिया में बंद करने की धमकी दी थी. मीडिया मुगल रुपर्ट मर्डोक की न्यूज कॉर्प ने सबसे पहले गूगल के साथ एक समझौता किया जिसके तहत न्यूज कॉर्प को सर्च इंजन पर सामग्री देने के बदले "महत्वपूर्ण भुगतान" मिलेगा. गूगल ने फेसबुक के गुरुवार को उठाए कदम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक फेसबुक और गूगल ने 2018-19 में भारत से ऑनलाइन विज्ञापन रेवन्यू के जरिए 11,500 करोड़ रुपये कमाए थे. अनुमान है कि आने वाले साल में यह बाजार और बढ़ेगा.

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