Sunday ,19th May 2024

भोपाल नगर निगम द्वारा की जा रही तानाशाही के चलते व्यापार बंद रखते हुए दिग्विजय सिंह को ज्ञापन सौंपा


भोपाल नगर निगम द्वारा की जा रही तानाशाही  के चलते व्यापार बंद रखते हुए  दिग्विजय सिंह  को ज्ञापन सौंपा 

भोपाल-  पूरे भोपाल नगर निगम द्वारा की जा रही तानाशाही मनमानी आदेश के चलते भोपाल प्लास्टिक एसोसिएशन ने अपना विरोध दर्ज करते हुए सोमवार को कम्पीस्ट के अध्यक्ष  गोविन्द गोयल के नेतृत्व में अपना व्यापार बंद रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद  दिग्विजय सिंह जी को ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन प्रस्तुत करते समय प्लास्टिक एसोसिएशन के सर्व कैलाश अग्रवाल,अध्यक्ष, अशोक शोभानी, उपाध्यक्ष, प्रदीप रमानी, उपाध्यक्ष, मुकेश रघुवंशी,सचिव, नीरज केसवानी, सचिव, मनीष तनवानी कोषाध्यक्ष तथा सैकड़ों व्यापारी प्रतिनिधि मौजूद थे । 
पाॅलिथिन व्यापारियों को भोपाल में जरूरत से ज्यादा परेशान किया जा रहा है । म.प्र. में कभी कहते हैं हैंडिल वाले पाॅलिथिन की जरूरत नहीं है, कभी कहते हैं कि खुले पाॅलिथिन की अनुमति नहीं है, कहते है कि पाॅलिथिन में सामान पैक है उसकी अनुमति है । भोपाल के छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारी अत्यंत परेशान है । हमारी मांग है कि यदि देश की राजधानी दिल्ली में इसकी बिक्री खुले आम हो रही है तो हमारे प्रदेश के व्यापारियों को यह परेशानी से मुक्त करवाने का कष्ट करें । 
हाल ही में नगर निगम द्वारा पाॅलिथिन बेचने वाले व्यापारियों पर मनमाने ढंग से कार्यवाही की जा रही है जिससे छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारी अत्यंत परेशान है । पूर्व में भी तत्कालीन सरकार थी तब भी इसी तरह की कार्यवाही हुई थी जिसकी व्यवहारिक समस्या को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अधिनियम कानून में शिथिलता बरतते हुए कार्यवाही न करने का निर्देश जारी किया था तथा यह भी कहा था कि व्यापारी, उपभोक्ता को इस विषय में समझाइश दी जाये । हमारी संस्था आपके ध्यान में लाना चाहती है वर्तमान में फल, चाय, किराना इत्यादि अधिकतर चीजें ग्राहकों को पाॅलिथिन पर ही व्यापारी दे रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में यदि पाॅलिथिन थैली सप्लाई यदि एकदम से बंद कर दी गई या रूकवा दी गई तो फल, सब्जी, चाय, पान, किराना आदि वस्तुओं को किस तरह से कौन से मटेरियल में उपभोक्ताओं को दिया जाये एक अत्यंत कठिनाई की स्थिति निर्मित हो गई है । 
हम प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते है कि साधारण जो मिनिमम 10 माइक्रोन से 100 माइक्रोन की होती है तथा पालिथिन लेमीनेटेड भी होती है, एवं पाॅलीथिन एल्यूमीनियम कोटेड भी होती है । महोदय जी जहां तक साधारण पाॅलिथिन थैली री-साईकल होकर फिर से दाना बनाकर पाॅलिथिन की थैली या अन्य चीज बनाकर उपयोग में आ सकती है जबकि लेमीनेटेड, एल्यूमीनियम कोटेड थैलिया री साइकल नहीं हो सकती । आज साबुन, बिस्किट, गुटखे, चाय, तेल, मेवा, नमकीन आदि सभी चीजे लेमीनेटेड या एल्युमीनियम कोटेड पैकिंग में बिक रही है जिसका दुबारा उपयोग किया जाना संभव नहीं है । जिसे छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी कंपनी इस्तेमाल कर रही है । उन पर रोक क्यों नहीं लगाना चाहिये । आज व्यापारी से अधिकारी तक यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी थैली किस ग्रेड की क्या स्पेसिफिकेशन के साथ बेची जाय या कौन सी प्रतिबंधित की जाये ।
हमारा सरकार से यह भी आग्रह है कि हाॅकर या व्यापारी को परेशन न करने से पहले निर्माता को समय देकर इनके उत्पादन में रोक लगाने का शासन प्रयास करें । इसके साथ ही अगर कानून का पालन करना अति आवश्यक है तो उसके लिए समुचित समय दिया जाए । हमारी इस मामले में मांग है कि उपरौक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए जब तक कोई विकल्प पूर्ण रूप से नहीं हो जाता तब तक वर्तमान व्यवस्था को जारी रखने हेतु नियम को शिथिल करें ।

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