Sunday ,19th May 2024

कांग्रेस की तीन सरकारों को फुक फुंक कर रखना होगा कदम ?

 कांग्रेस की तीन सरकारों को फुक फुंक कर रखना होगा कदम ?

राजेंद्र सिंह जादौन 

भले ही कांग्रेस ने तीन राज्यों में सरकार बना ली. लेकिन कांग्रेस आलाकमान के लिए तीनों राज्यों में सबसे बड़ी चुनौती अब भी अंदरूनी खींचतान से निपटने की होगी. जहा एक तरफ दिसंबर की शीत लहरों ने बीजेपी को सुकड़न दी और हार से सिहरा  तो वही कांग्रेस के लिए मानो ये उल्लास की ठंडक  बन गईं. ‘हिंदी का हृदयस्थल' कहलाने वाले तीन प्रमुख हिंदीभाषी राज्यों में कांग्रेस ने बीजेपी को पराजित कर लंबे समय की हताशा को नई उम्मीद में बदला. चुनावी नतीजों के बाद हर ओर यही शोर उठा कि अब राहुल गांधी, 2019 के चुनावों के लिए बीजेपी के कद्दावर मोदी-शाह द्वय से टकराने को तैयार हैं.

तीनो राज्यों में उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अटकलों को विराम देने में जरा भी देर नहीं की. और तो और जब नाम फाइनल हो गये तो राहुल गांधी ने बाकायदा तीन अलग अलग ट्वीट कर, मुख्यमंत्री पद के चयनित नेताओं और उनके प्रतिस्पर्धियों के साथ तस्वीरें जारी कीं. राजस्थान के अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ, मध्यप्रदेश के कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और दावेदारों के साथ.

इससे पहले राहुल ने कार्यकर्ताओं को एसएमएस भेजकर अपनी पसंद बताने की अपील भी की थी. तो ये एक तरह से कांग्रेस में ‘राहुल-प्रबंधन' का अगला चरण है. संदेश यही गया कि 2019 के लिए अनुभवी नेताओं और युवा शक्ति के सामंजस्य के साथ पार्टी तैयार है, राहुल का फैसला निर्विवाद है और असंतुष्टों को संतुष्ट करने की एक कुशल तत्पर नीति भी उनके पास है. सरकार गठन की कवायदों के बीच राहुल गांधी रफाएल मुद्दे पर आक्रामक होना नहीं भूले. वो और जोर से प्रधानमंत्री और सरकार पर गरजे. यहां तक तो ठीक लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं. तीनों राज्यों में सबसे बड़ी चुनौती, कांग्रेस आलाकमान के लिए अंदरूनी खींचतान से निपटने की होगी. उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि चंद महीनों बाद जब लोकसभा चुनाव हों तो आंतरिक उठापटक की आवाजें बाहर न जाएं.

मेरा मानना है कि इन सरकारों को हर कदम फूंकफूंक कर रखना होगा ताकि विपक्षी पार्टी बीजेपी किसी भी नाजुक मुद्दे को हवा देकर जनमत को प्रभावित करने की कोशिश ना कर पाए. इन तीन राज्यों की 65 लोकसभा सीटें जीतने के लिए पहले दिन से ही लोकसभा क्षेत्रवार रणनीति पर काम शुरू कर देने की चुनौती भी कांग्रेस के सामने है. और इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है नागरिकों में भरोसे का निर्माण. जाहिर है राजनीतिक दल के रूप में चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी या कोई अन्य दल, सब इस बात को जानते तो हैं लेकिन किसी न किसी रूप में चूक जाते हैं. 

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