Sunday ,19th May 2024

लोकतंत्र के चौथा स्तम्भ की दशा बद के हज़ार गुना बत्तर क्यों ?.

लोकतंत्र के चौथा स्तम्भ की दशा बद के हज़ार गुना बत्तर क्यों ?.

मिडिया से जुड़े इंसानों के मौलिक अवसरों और अधिकारों हेतु निर्णायक जंग लड़ेगी ब्रिगेड़.
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भारतीय संविधान में लोकतंत्र के सशक्त स्तम्भ के सम्मान से सम्मानित और देश के प्रत्येक इंसान की जरूरत बनी मीडिया आज देश के लुटेराबादी व्यक्तियों ,शक्तियों ,सामाजिक - धार्मिक संगठनों ,राजनैतिक दलों ,इनके प्रमुखों ,इनके नेतत्व में बनने बाली सरकारों और सरकारों के मंत्रियों की आवरण और असीमित उपेक्षा ,उत्पीड़न ,शोषण और मौलिक अवसरों और अधिकारों की वंचितता का शिकार बनी हुई है .भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के प्रत्येक देश के लोकतंत्र और लोक की प्रमुख जरूरत और वफादार साथी मीडिया का जितना दुरपयोग भारत के लुटेरा वर्ग के इन्सानों द्वारा होता है उतना विश्व के किसी भी देश में नहीं होता है . भारत में सिर्फ और सिर्फ़ मीडिया ही वो वफादार ,शानदार और सशक्त हमदर्द साथी है जिसके सामने देश के सुप्रीम कोर्ट के जजों को अपना दुखड़ा रोना पड़ा और मीडिया ने उनके दर्द और सरकार की उपेक्षा और जजों के उत्पीड़न के दर्द को जनता के सामने रखा है .प्रत्येक इंसान के प्रत्येक स्तर के जुल्म और अधिकारों के लिए अपने सिर पर कफन बाँधकर अपने परिवार ,बच्चों के आगामी भविष्य को हाशिये पर धकेल कर निर्णायक जंग लड़ने बाले मीडिया से जुड़े वफादार ,ईमानदार और शानदार पत्रकारों के दुःख ,दर्द और जरूरतों को समझकर इनके मौलिक अवसरों और अधिकारों के लिए एक आन्दोलनकारी रणनीति के तहत निर्णायक जंग लड़ने वाला " जनहित समानता ब्रिगेड़ " के अलावा अन्य कोई दूसरा व्यक्ति और संगठन नहीं है .

जनहित समानता ब्रिगेड़ भारत की केंद्र और प्रदेशों की सरकारों से पूछना चाहती है कि चन्द महलों नुमा कोठियों के रहने बाले ,लज्जरी महगी देशी - बिदेशी कारों में सफर करने बालों, पूँजीशाहों को मात देने बाले पत्रकारों को सुख ,सुबिधा और सुरक्षा देकर लोकतंत्र के वफादार रक्षकों को उनके मौलिक अवसरों और अधिकारों से वछित आखिर क्यों किया जा रहा है ?. क्या ये खुद वातानकूल ऑफिसों और कारों से भी ना निकलने वाले मीडियाशाहों को क्या पता है कि एक पत्रकार को एक ,एक समाचार के लिए किन ,किन परस्थितियों और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है .
जनहित समानता ब्रिगेड़ पत्रकारों के मूलजीवन से जुड़ी बुनियादी जरूरतों ,समस्याओं पर अति गंम्भीर आत्ममंथन के बाद इनके मौलिक अवसरों और अधिकारों के लिए बहुत ही जल्दी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर देश की राजधानी तक " बराबरी के अधिकार और बराबरी का बटबारा यात्रा " का आयोजन करेगी .


 

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